Monday, October 22, 2012
मुक्तिबोध की कविता 'अंधेरे में' से . . .
सब चुप, साहित्यिक चुप और कविजन निर्वाक्
प्रत्येक स्थान पर लगा हूँ मैं काम में,
अब अभिव्यक्ति के सारे ख़तरे
Labels:
Muktibodh (मुक्तिबोध),
Quotations (उद्धरण)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Categories
- Anti-Corruption Movements (भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन) (7)
- Business of Education (शिक्षा का व्यवसाय) (1)
- Degenerated Values of Capitalism (पूंजीवाद के विकृत मूल्य) (6)
- Labor Day 2011 (4)
- On Women's Question (महिला प्रश्न) (6)
- Politics Individual and Social Life (2)
- Quotations (उद्धरण) (59)
- Religious Fetishism (धार्मिक अंधभक्ति) (11)
- Revolution and Marxism (क्रांति और मार्क्सवाद) (4)
- Revolutionary-Writers (क्रांतिकारी-लेखक) (3)
- Science and Social System (विज्ञान और समाज) (5)
- Social Movements (आंदोलन) (5)
- Survey Reports on Workers (मजदूरों पर सर्वे रिपोटें) (9)
- Workers Condition (मजदूरों की स्थिति) (12)
- Workers Movements (मजदूर आन्दोलन) (9)
Revolutionaries : Writers
- Anton Chekhov (अन्तोन चेखव) (1)
- Balzac (बाल्ज़ाक) (2)
- Bhagat Singh (भगत सिंह) (8)
- Chernyshevsky (चार्नेशेवेश्की) (4)
- Denis Diderot (दिदेरो) (1)
- Dobrolyubov (दोब्रोल्युबोव) (1)
- Dostoevsky (दोस्तोयेव्स्की) (2)
- Engels (एंगेल्स) (3)
- Fedin (फेदिन) (2)
- Gogol (गोगोल) (1)
- Howard Fast (हावर्ड फास्ट) (2)
- John Reed (जॉन रीड) (1)
- Karl Marx (कार्ल मार्क्स) (11)
- Lenin (लोनिन) (9)
- Lu Xun (लू सुन) (3)
- Maxim Gorky (मक्सिम गोर्की) (10)
- Pablo neruda (पाब्लो नेरूदा) (4)
- Pisarev (पिसारेव) (1)
- Premchand (प्रेमचंद) (1)
- Rahul Sankrityayan (राहुल सांकृत्यायन) (1)
- Tolstoy (तोलस्तोय) (6)
- Yang Mo (यान मो) (1)
- चन्द्रशेखर आजाद (2)
Popular Posts
-
रुढ़ियों को लोग इसलिए मानते हैं , क्योंकि उनके सामने रुढ़ियों को तोड़ने के उदहारण पर्याप्त मात्र में नहीं हैं। लोगों को इस ख़्याल का जो...
-
पिछले कुछ दिनो से दुनिया की जनसंख्या 7 विलियन पहुँच जाने पर अलग-अल...
-
This small selection is shared from the research papers of Grover Furr, based on the study of Stalin...
-
पूँजीवादी " जनतंत्र " और " चुनावतंत्र " ?? [ हर समस्या अपने समाधान के साथ उत्पन्न होती है – कार्ल मार्क्स ] ...
-
These days most of the agitations and slogans of anti-corruption movement are seems on hold. May be corruption fighters are on the way to ...
-
“Art is not a mirror held up to reality but a hammer with which to shape it.” ― Berol Brecht विज्ञान में रुची रखने वाले आलोच...
-
“ दर्शन मानव मुक्ति का मस्तिष्क है और सर्वहारा वर्ग उसका हृदय। सर्वहारा वर्ग का उन्मूलन किये बिना दर्शन को एक वास्तविकाता नहीं बनाया ...
-
पीके फिल्म के बारे में अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यमों से काफी तारीफ सुनने को मिल रही है। जिन्होंने अभी यह फिल्म नहीं देखी है उन्हे...
-
Published in Mazdoor Bigul, January 2015 ( http://www.mazdoorbigul.net/archives/6713 ) दुनिया भर के साम्राज्यवादी देशों के आका आध...
-
समाज की आधी आबादी का घरों में कैद रहना वर्तमान व्यवस्था के लिये वरदान है!! देश के नेताओं व धर्म गुरुओं के बयानों एक नज़र!! ...
No comments:
Post a Comment