
"सभ्य-समाज" (सिविल
सोसाइटी) को साधारण जनता का मसीहा बनानें में लगे अन्ना जी, जो खुद भी "सभ्य-समाज"
के एक प्रतिनिधि हैं, उन्हें और उनके जैसे अनेक "सभ्य-समाज" के लोगों को
यह समझनें में काफी समय लग गया (ज़रूरी नहीं कि समझ ही गये हों, लेकिन हम मान लेते
है!!) कि पूँजावादी जनवाद में शासक
वर्ग हर समय जनता की स्वतंत्रता का हनन करता है । "सभ्य-समाज" के लोगों
को यह बात कभी-कभी सिर्फ तब समझ में आती है जब मज़बूरी में राज्य़ सत्ता को उनके ऊपर
थोड़ा सा बल प्रयोग करना पड़ता है ।
अन्ना हजारे जी शायद अब स्वतंत्रता
की इस सच्चाई को समझ सकेंगे, लेकिन उन्हें और उनके जैसे "सभ्य-समाज" के अन्य लोगों को यह
समझनें में काफी समय लगता है, और ज्यादातर तो अपने पूरे जीवन भर में यह नहीं समझ
पाते, क्योंकि उन्हें कभी ऐसी अमानवीय परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता । लेकिन गरीब लोग (मज़दूर,
किसान और बेरोजगार जनता), जिनकी स्वतंत्रता का रोज अनेक प्रकार से हनन होता है,
उन्हे इसका अहसास व्यवहारिक जीवन में रोज होता है, जिसका एक बहुत ही छोटा सा नगण्य
अहसास शायद अन्ना जी को आज सुबह हुआ होगा । लेकिन इन गरीब लोगों के पास न तो
मीडिया का समर्थन है, और न ही "सभ्य-समाज" उनके साथ है, और उनकी हर आवाज़
को बिना किसी को पता चले दबा दिया जाता है। आन्ना हजारे के साथ तो हजारों लाखों
की संख्या में जनता है, और पूरा पूँजीवादी मीडिया उनका साथ दे रहा है, लेकिन, एक
व्यक्ति, यदि उसके पास पैसा न हो, तो उस अकेले व्यक्ति की स्वतंत्रता का अन्दाजा
आसानी से लगाया जा सकता है।
मैं इन्तजार कर रहा हूँ कि,
कब "सभ्य-समाज" के लोगों को
पूँजीवाद की इस सच्चाई का पता लगेगा और अन्ना हजारे कहेंगे कि पूँजीवादी जनतंत्र सम्पत्तिधारी
वर्ग की तानाशाही होता है, जहाँ आम-जनता की स्वतंत्रता सिर्फ सम्पत्ति से
निर्धारित होती है ।
[नोट: अभी ताजी खबर मिल
रही है कि अन्ना को रिहा किया जा रहा है, और सरकार से बातचीत के बाद उनके रवैये
में नरमी भी आई है!! (Reference: NDTV )]
मै भी आज सुबह ये ही सोच रहा था और आपने बिलकुल सत्य कहा है की समस्या केवल भ्रष्टाचार नहीं है. समस्या है ये प्रणाली जो जनतंत्र का चोला ओढ़ कर जीवन मूल्यों का हनन कर, अपनी पूँजीवादी नीती को अंजाम दे रही है.
ReplyDeleteI am just waiting to get a comment from Anna Ji.
ReplyDeleteIf its Jan Lok Pal Bill is able to stop today's act by Delhi Police ?
Is this a democracy ?
Why media is giving huge coverage to this ?